नाकाम इश्क
'नाकाम इश्क़'
नाकाम इश्क की दास्तां सुनाए कैसे?
डुबती हुई कश्ती कों बचाए कैसे?
मोहब्बत में धोखा खा या है फिर भी
हंसी यादों को दिल से मिटाए कैसे?
तकदीर-ए- जिंदगी में जुदाई लिखी हैं
मगर उस बेवफा कों भुलाए कैसे?
ज़माने भर से गम छुपाते फिरते हैं
दिल का दर्द जताएं कैसे?
उनके खतों के सहारे जिंदगी गुजार रहे है
उन सुनहरी पातिंयों को जलाए कैसे?
इश्क में गहरीं चोंट खाई है हमने
अपनेही जख्मों कों मरहम लगाए कैसे?